अक्षरबोट के पीछे की कहानी
एक 11 वर्षीय बच्चे की सीखने की यात्रा कैसे एक मिशन बनी


200+
4+
शामिल स्कूल
छात्रों ने सीखा
श्रीनय की अक्षरबोट के साथ यात्रा उसकी अंग्रेजी सीखने की रुचि से शुरू हुई। अपने शुरुआती वर्षों में, उसे पढ़ना, फोनेटिक्स का अभ्यास करना और कहानियाँ सुनाना बहुत पसंद था। लेकिन जब वह अपने गृहनगर लौटा, तो उसने देखा कि कन्नड़, मराठी और उर्दू माध्यम के कई छात्रों को अंग्रेजी पढ़ने में कठिनाई हो रही थी। यह सिर्फ पढ़ने की समस्या नहीं थी – यह उनके आत्मविश्वास को प्रभावित कर रही थी, जिससे वे दूसरों के सामने बोलने से कतराते थे।
समस्या को नजरअंदाज करने के बजाय, श्रीनय ने समाधान खोजने का फैसला किया। उसने अपने सीखे हुए पढ़ने के तरीकों का उपयोग करके स्थानीय स्कूलों में बच्चों की मदद करनी शुरू की। जो एक छोटी सी पहल थी, उसने अब तक 4 स्कूलों के 200+ छात्रों को प्रभावित किया है – और यह तो बस शुरुआत है!
अक्षरबोट क्यों शुरू हुआ?


श्रिनय ने क्या देखा
श्रिनय ने देखा कि कन्नड़, मराठी और उर्दू-माध्यम के अधिकांश बच्चे अंग्रेजी पढ़ने में संघर्ष कर रहे थे। लेकिन यह सिर्फ पढ़ने की समस्या नहीं थी—यह उनके आत्मविश्वास को भी प्रभावित कर रही थी। कई छात्र झिझकते थे, डरते थे और दूसरों के सामने खड़े होकर बोलने में हिचकिचाते थे। अंग्रेजी में कठिनाई के कारण वे खुद को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने से पीछे हट जाते थे।


उसने बदलाव लाना कैसे शुरू किया
अपनी खुद की सीखने की यात्रा से प्रेरित होकर, श्रिनय ने इन छात्रों की मदद के लिए मजेदार और आकर्षक तरीकों को विकसित किया। पारंपरिक तरीकों की बजाय, उन्होंने अंग्रेजी को आसान बनाने के लिए पढ़ने की तरकीबें सिखाईं। संवादात्मक कहानी कहने का उपयोग किया ताकि छात्र खुद को व्यक्त कर सकें। आत्मविश्वास बढ़ाने वाली गतिविधियाँ शुरू कीं, जिससे वे बिना डर के बोल सकें। जब सीखने की प्रक्रिया मजेदार और संवादात्मक बनी, तो छात्रों में न केवल पढ़ने बल्कि खुद को खुलकर व्यक्त करने का आत्मविश्वास भी बढ़ने लगा!
‘अक्षरबोट’ इस यात्रा को पूरी तरह से कैसे दर्शाता है?
"अक्षरबोट" (Aksharboat) नाम का गहरा अर्थ है:
🔹 "अक्षर" यानी शब्द और ज्ञान का आधार – वाचन, शिक्षा और समझ की नींव।
🔹 "बोट" यानी एक केंद्रित यात्रा – जैसे एक नाव पानी में संतुलित होकर आगे बढ़ती है, वैसे ही अक्षरबोट ज्ञान की दुनिया में एक मार्गदर्शित और एकाग्र यात्रा को दर्शाता है।
हर छात्र जो अक्षरबोट से जुड़ता है, वह सीखने, आत्मविश्वास और आत्म-विकास की दिशा में आगे बढ़ता है। हमारा उद्देश्य है कि वे वाचन और अभिव्यक्ति की दुनिया में स्पष्टता, ध्यान और आत्म-विश्वास के साथ आगे बढ़ें – जैसे एक नाव अपने गंतव्य की ओर सहजता से बढ़ती है।
हमारा उद्देश्य है
शर्मीले छात्रों को आत्मविश्वास से भरपूर अंग्रेजी पाठक और वक्ता बनाना – सीखने की प्रक्रिया को सरल, संवादात्मक और आनंददायक बनाकर।


200+
4+
शामिल स्कूल
छात्रों ने सीखा
मेरा दृष्टिकोण है
अक्षरबोट को शर्मीले, संकोची और डरे हुए विद्यार्थियों के लिए एक समर्पित मंच बनाना, जिससे वे आत्मविश्वास के साथ पढ़ सकें, बोल सकें और खुद को व्यक्त कर सकें।


100000
500
स्कूल (लक्ष्य)
छात्र (लक्ष्य)
हमारा स्थान
वर्तमान में, अक्षरबोट कर्नाटक के निपाणी क्षेत्र में संचालित हो रहा है और क्षेत्रीय भाषा की स्कूलों के छात्रों के साथ घनिष्ठ रूप से काम कर रहा है। जून 2024 से, इस पहल ने:
✔ 200+ छात्रों को प्रभावित किया
✔ 4+ स्कूलों तक पहुँच बनाई
✔ छात्रों को आत्मविश्वास के साथ पढ़ने और सार्वजनिक रूप से बोलने में मदद की
हमारा लक्ष्य अक्षरबोट को और अधिक स्कूलों और क्षेत्रों तक पहुँचाना है, ताकि पढ़ाई और आत्मविश्वास बढ़ाने की यह पहल अधिक से अधिक छात्रों तक पहुँचे।
Address
Aksharboat @ Colourroom, No.12, Somnath Nagar, Akkol Road, Nipani. 591237 (Karnataka)
Hours
9 AM - 5 PM